Optician | पोस्ट किया |
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद कई अलग अलग तरह के अभियान चलाए हैं। शायद उनकी कोशिश प्रधान सेवक के साथ साथ राजा राममोहन राय जैसा समाज सुधारक बनने की रही होगी। विशेष तौर पर स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसे अभियानों पर खूब नगाड़े बजाए गए। सरकार ने इन अभियानों को सफल बनाने के लिए अरबों रुपये फूंक डालें लेकिन इससे देश में कोई उल्लेखनीय सुधार हुआ हो, ऐसा नहीं लगता।
स्वच्छ भारत अभियान को प्रचारित, प्रसारित करने के लिए खूब ढिंढोरा पीटा गया। साफ सुथरे जगहों पर भी झाड़ू मारकर अखबारों और न्यूज़ चैनलों में फोटो छपवाए गए। जहां जहां, जिस जिस क्षेत्र को ओडीएफ घोषित किया गया, आज भी वहां खुले में शौच दिखाई पड़ ही जाता है। दरअसल ये अभियान मोदी सरकार के पहले यूपीए सरकार ने शुरू किया था, निर्मल भारत अभियान के नाम से। आपको याद होगा कि डॉ मनमोहन सिंह के जमाने में अभिनेत्री विद्या बालन का टीवी पर विज्ञापन आया करता था, जहां शौच वहां शौचालय। मनमोहन सरकार में भी स्वच्छता अभियान टांय टांय फिस्स रहा और मोदी सरकार में भी।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ भी महज प्रचार का माध्यम बन कर रह गया। नारी अत्याचार और यौन उत्पीड़न की समस्याएं बदस्तूर जारी है। हां, इन अभियानों की आड़ में कुछ एनजीओ ने खूब पैसे बनाए।
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Fashion Designer... | पोस्ट किया
अब चुनाव आ रहे हैं तो सबको यही लग रहा है | मोदी जी ने क्या किए क्या नहीं ये सभी जानते हैं परन्तु उनके कामों से फायदा जिनको होना था उनको हुआ या नहीं ये महत्वपूर्ण विषय है | जिस पर मुझे नहीं लगता कोई ध्यान देता होगा |
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