नमस्कार रुचिका जी ,बहुत सही सवाल किया है आपने | रेप के बदले रेप इसको फैसले का नाम दे रहे है जिसको गुनाह का नाम देना चाहिए | ये फैसला सही नहीं है | क्योकि ये फैसला ही नहीं है ,ये तो गुनाह करने की छूट देने जैसा हो गया है |
पाकिस्तान पंचायत का फैसला रेप के बदले रेप बिलकुल सही नहीं है | गुनाह के बाद एक और गुनाह करना कैसे सही हो सकता है | किसी का रेप हुआ वो एक गुनाह है उसके बाद उस गुनेहगार को सजा देने की बजाय एक और गुनाह करने की अनुमति दी जा रही है | ये कहा का न्याय है | पाकिस्तान पंचायत का ये फैसला दुसरो को गुनाह करने के लिए उकसाने के बराबर है | ये फैसला सरासर गलत है | अगर पाकिस्तान पंचायत किसी भी गुनाह की सही सजा नहीं दे सकती तो एक और गुनाह करने को उकसाने के लिए भी नहीं कह सकती |
पाकिस्तान पंचायत का ये अजीब न्याय तो कही से समझ नहीं आया | गुनाह जिसने किया सजा उसको मिलनी चाहिए न की उसको जिसको इस गुनाह की खबर तक नहीं | रेप के बदले रेप ये कोई सजा नहीं | इसका क्या मतलब है के अगर कोई किसी का रेप करता है तो उसकी फॅमिली में किसी लड़की का रेप किया जाए | अगर सजा देने की हिम्मत रखते हो तो गुनाह के बदले सजा दो न की गुनाह के बदले एक और गुनाह करवाओ |
पाकिस्तान के पंजाब में पंचायत ने हैरान करने वाला फैसला दिया है | मुल्तान में 'जिरगा' यानी गांव की पंचायत ने 12 साल की लड़की के साथ हुए रेप पर सुनवाई के बाद 'रेप के बदले रेप' का फैसला सुनाया | पुलिस अधिकारी अल्लाह बख़्श ने कहा, "गांव की पंचायत ने सज़ा के तौर पर 16 साल की लड़की का रेप करने का आदेश दिया है, क्योंकि लड़की के भाई ने 12 साल की एक दूसरी लड़की का रेप किया था " | सजा उसको दो जिसने रेप किया न की उसको जिसका कोई दोष नहीं |