| पोस्ट किया
ट्यूशन पढ़ने से क्या-क्या नुकसान होता है?
आमतौर पर लोग सोचते हैं कि ट्यूशन पढ़ने से बच्चा पढ़ाई में और तेज हो जाता है। क्या वास्तव में होता है इस प्रश्न का जवाब आसान है। दोस्तों वास्तव में ट्यूशन पढ़ना एक तरह से मजबूरी होती है। विद्यालय में बच्चा पड़ रहा है, स्कूल के क्लास में उसे पढ़ाई समझ में नहीं आ रही है तो इसके लिए लोग ट्यूशन लगा देते जो कि एक गलत सोच होती है। 40 मिनट की कक्षा में किसी एक विषय के बारे में वह अच्छे से पढ़ कर समझ नहीं सकता है तो 1 घंटे के ट्यूशन में वह सभी विषयों को कैसे समझ सकता है यह समझने वाली बात है?
ट्यूशन पढ़ने से नुकसान ही होता है आइए जाने-
अगर कक्षा में पढ़ाई समझ में नहीं आती है तो कक्षा की पढ़ाई को सरल रोचक और एक्टिविटी वाला बनाना चाहिए ताकि उस बच्चे को 1 घंटे में वह सब्जेक्ट के अच्छे से समझ में आ जाना चाहिए। स्कूल में अच्छे से पढ़ाया जा रहा है और सभी बच्चों को समझ में आ रहा लेकिन आपके बच्चे को पढ़ने में दिक्कत हो रही तो इसका मतलब कि उसका बेसिक कमजोर है या फिर वह कक्षा में ध्यान नहीं देता है अगर आप यह सोचकर ट्यूशन लगा देते हैं कि वह आगे अच्छा पढेगा ट्यूशन में भी नहीं पढ़ेगा, जब तक उसकी समस्या का समाधान आप नहीं कर देते हैं। क्योंकि उस बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लग रहा है।
अक्सर लोग ट्यूशन अनट्रेंड टीचर या कोई ग्रेजुएट पास से पढ़वाते हैं, जिसके पास ना अनुभव होता है और न पढ़ाने की तरीका। इस कारण से ट्यूशन में वह गलत है पढ़ाई सीखता है। अगर आप इस पर ध्यान नहीं देंगे तो बच्चा ट्यूशन में पढ़ना ही पाएगा बल्कि उल्टा उसका नुकसान ही हो जाएगा।
स्कूल में पढ़ाई करने वाला छात्र शाम को ट्यूशन पढ़ेगा तो वह ना खेल सकेगा न, कोई और गतिविधि सीख सकेगा। इसके अलावा उसका ट्यूशन में मन भी नहीं लगेगा। तो अगर वास्तव में बच्चा कमजोर है तो स्कूल में रिमेडियल क्लास से उन्हीं कक्षाओं में चला कर बच्चे के बेसिक को मजबूत कर किया जा सकता है। उसके लिए शाम का ट्यूशन विकल्प होना चाहिए।
इसी तरह की महत्वपूर्ण जानकारी के लिए हमारे व्यवसाय से जुड़े रहे हम आपको तरह-तरह की ज्ञानवर्धक रोचक और अनोखी जानकारी देंगे जो आपको जरूर पसंद आएगी।
स्कूल में पढ़ने के बाद ट्यूशन-कोचिंग में पढ़ने वाला छात्र पढ़ाई से मैं डरा डरा और थका-थका सा रहता है, कक्षा में भी अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाता है। ऐसे छात्र हैं जिन्होंने अपने जीवन में कभी भी ट्यूशन नहीं पढ़ा है स्कूल की पढ़ाई के बल पर उन्होंने अच्छा मुकाम हासिल किया है।
0 टिप्पणी
| पोस्ट किया
ट्यूशन पढ़ने से बच्चे को बहुत नुकसान होता है। क्योंकि बच्चा पहले स्कूल जाता है।स्कूल में 5, 6 घंटे बैठकर पढ़ाई करता है फिर घर आकर उसे ट्यूशन जाना पड़ता है और ट्यूशन में भी वही पढ़ाई होती है जो कि स्कूल में होती है जरूरी नहीं होता है कि जो बच्चे ट्यूशन पढ़ते हैं वह होशियार ही हो क्योंकि स्कूल में भी तो वही पढ़ाई होती है। और स्कूल से आने के बाद बच्चे थक जाते हैं उन्हें खेलने कूदने के लिए टाइम नहीं मिलता तो उनका मन ट्यूशन में और भी नहीं लगता इससे धीरे-धीरे उनका मन पढ़ाई से भी हटने लगता है।
0 टिप्पणी