आपका यह सवाल बहुत अच्छा है. मोदी सरकार की नाकामियों का जिक्र करना यहां इसलिए भी जरूरी है.क्योंकि 2014 में कांग्रेस की नाकामियों को गिनाकर और कई सारे वादे कर के ही मोदी सरकार सत्ता में आई थी. 1984 के बाद 2014 का चुनाव पहला मौका था, जब देश की जनता ने किसी एक दल को स्पष्ट बहुमत दिया, और देश की आज़ादी के बाद पहला मौका था, जब किसी गैर-कांग्रेसी दल को लोकसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ. इसलिए यह जरूरी है कि इस सरकार की नाकामियों पर भी एक नजर दौड़ाई जाए
पहले नजर घुमाते हैं मोदी सरकार के वादों पर:-
1.काला धन 2.हर खाते में15 लाख रुपया
3. 2 करोड़ रोजगार 4. बुलेट ट्रेन 5.स्मार्ट सिटी
6.महंगाई में कमी. 7. सस्ता डीजल और पेट्रोल
8.धारा 370 की समाप्ति 9.भ्रष्टाचार मुक्त
10.मजबूत रुपया 11. बेहतरीन कानून व्यवस्था.
12.गंगा की सफाई 13.नारी सुरक्षा 14.स्वच्छ भारत
15.एक के बदले 10 सिर 16. राम मंदिर
17.किसानों को फसल का डेढ़ गुना दाम|
यह वह वादे थे जो मोदी ने 2014 के चुनावों में किए थे|
अब नजर दौड़ाते हैं उन परिस्थितियों पर जहां वादे तो पूरे हुए नहीं, मगर पहले से और कई ज्यादा मुसीबतें खड़ी हो गई.
1.पेट्रोल-डीजल का दाम सातवें आसमान पर पहुंचना.
2.कश्मीर घाटी में अशांति, रोज नए-नए आतंकवादी पैदा होना ,पत्थरबाजो की गैंग बनना.
3.रुपया डॉलर के मुकाबले बहुत कमजोर होना.
4. नोटबंदी और जीएसटी की वजह से 1.1 करोड़ नौकरियों का झिन जाना.
5. किसानों की आत्महत्या के मामले सामने आना.
6.भ्रष्टाचार में बढ़ोतरी.
7. बड़े आतंकवादी हमले होना.
8. महंगाई में बढ़ोतरी.
9.हिंदु मुस्लिम में नफरत फैलाना
10.माव लीचिंग
11.सेना के नाम पर राजनीति करना.
12.भुखमरी के आंकड़ों में इजाफा होना.
13.राफेल मामले में घोटाला सामने आना.
14.एससी-एसटी एक्ट को कमजोर करने की कोशिश.
मोदी सरकार की मुद्रा योजना, उज्जवला योजना, आवास योजना ,यह सब योजनाएं कुछ हद तक कामयाब रही. लेकिन कितना कामयाब रही. यह जवाब तो अबकी चुनावों में जनता मोदी को देगी|
