Official Letsdiskuss Logo
Official Letsdiskuss Logo

Language


English


Aayushi Sharma

Content Coordinator | पोस्ट किया | शिक्षा


महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहने के क्या कारण हैं? क्या इसके लिए कोई दस्तावेजी प्रमाण है?


0
0




Marketing Manager | पोस्ट किया


भारत में स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख तथा आध्यात्मिक नेता महात्मा गांधी के बारे में विभिन्न मत विद्वानों द्वारा समय-समय पर प्रदर्शित किए जाते रहे हैं। आजादी के बाद भारत में शायद किसी भी राजनेता पर इतनी खोज न की गई हो जितनी की महात्मा गांधी पर की गई।

महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता कहने के कारण-

यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि महात्मा गांधी ने देश में गुलाम हुई आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने का काम किया है। प्रत्येक व्यक्ति के अंदर आजादी पाने की झलक जगाने में महात्मा गांधी का अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान है यह सबसे बड़ा कारण है कि आज भी लोग उन्हें बड़े आदर और सम्मान से राष्ट्रपिता कहते हैं।

Letsdiskuss

जब कोई व्यक्ति व्यक्तिगत न होकर सामाजिक बन जाता है तथा किसी एक दल अथवा समुदाय का प्रतिनिधित्व करता है तो लोग उसके व्यक्तिगत जीवन को खंगालने में भी पीछे नहीं हटते। ऐसे में महात्मा गांधी के बारे में तमाम विद्वान तमाम इतिहासकारों ने समय-समय पर अनेक प्रकार की टिप्पणियां की है। महात्मा गांधी की हत्या के बाद पूरा देश दो हिस्सों में बांटा है एक और गांधीवादी हैं तथा दूसरे और गोडसे का समर्थन करने वाले लोग। आज तक हिंदुस्तान में इस बात का निराकरण नहीं हो पाया है कि दोनों पक्षों में कौन सही है और कौन गलत है?


महात्मा गांधी को बापू उनके एक शिष्य के द्वारा सर्वप्रथम कहा गया परंतु महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता सर्वप्रथम सुभाष चंद्र बोस जी ने कहा जब वह 6 जुलाई 1944 को रंगून रेडियो से महात्मा गांधी के नाम पर एक ऑडियो प्रसारित कर रहे थे।

विभिन्न विकसित देशों में द फादर ऑफ नेशन एक उपाधि है जोकि लिखित दस्तावेजों में भी मौजूद है जैसे अमेरिका के फादर ऑफ नेशन जॉर्ज वाशिंगटन को कहा जाता है क्योंकि उन्होंने अमेरिका को विकसित करने के लिए एक विशेष महत्वपूर्ण योगदान दिया है परंतु भारत में ऐसा कोई भी लिखित दस्तावेज नहीं है जो महात्मा गांधी को भारत के राष्ट्रपिता की संज्ञा देता हो।

हमारे देश भारत का मुख्य लिखित दस्तावेज संविधान हैं। इस संविधान में देश की पालिकाएं कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के आधार पर विभिन्न पदों का वितरण किया गया है देश का प्रथम नागरिक राष्ट्रपति को माना जाता है तथा उसके साथ ही अनेक और ढेर सारे पद रखे गए हैं परंतु पूरे संविधान में राष्ट्रपिता नाम का कोई भी पद निर्धारित नहीं किया गया है यह संबोधन देश की जनता भावुकता में महात्मा गांधी के प्रति आदर और सम्मान के लिए आज भी इस्तेमाल करती है।


0
0

');