जब पुरुष का शुक्राणु महिला के शरीर में भ्रूण का निर्माण करने के लिए पूरी तरह से ऊपजाउ (fertile) नहीं होता है। इस स्थिति में बच्चा पैदा करने के लिए एक कृत्रिम विधि का सहारा लिया जाता है जिसे टेस्ट ट्यूब बेबी कहते हैं।कभी भी बच्चे को जन्म देने के लिए शुक्राणु का मजबूत होना जरूरी होता है लेकिन जब यह नहीं होता है तो दुनिया में कई दंपति आजीवन बिना बच्चे के ही रह जाते हैं।
मगर टेक्नोलॉजी ने हर परेशानी का हल निकाल दिया है,यही एक हल टेस्ट ट्यूब बेबी है।साधारण शब्दों में जब शुक्राणु कमजोर होने की हालत में बच्चे के जन्म से वंचित रहने की समस्या को दूर करने के लिए वर्ष 1978 में बच्चा पैदा करने की टेस्ट ट्यूब बेबी विधि की खोज की गई। यह विधि अब तक कायमाब रही है और दुनियाभर में इस विधि से लोग बच्चा पैदा करते हैं। टेस्ट ट्यूब बेबी को सेफ एंड सिक्योर प्रोसेस समझा जाता है।मगर इस बात का ध्यान रखना भी बहुत जरुरी है कि हर सिक्के के दो पहलु होते है वैसे जहाँ इसके फायदे है कुछ नुक्सान भी है।ऐसे में जब भी कोई कपल टेस्ट ट्यूब बेबी के बारे में सोचें तो अपने डॉक्टर से पूरी तरह से सलाह परामर्श कर लें। ताकि भविष्य में वह अपने फैसले पर कोई संदेह न रखें। हालांकि आज के समय में ये प्रक्रिया कई लोगों ने अपनायी है और वह खुश है।