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वैसे तो जिंदगी सब कोई जीता है लेकिन जीवन जीने की कला हर किसी को नहीं आती. जिसने जीवन जीने की कला सीख ली, परलोक का तो नहीं पता लेकिन उसका यह लोक खुशहाल हो जाता है.
मेरी जिंदगी में भी बहुत सारी परेशानियां थी. कई परेशानियां वास्तविक थी तो कई खुद से पैदा की हुई थी. एक समझदार व्यक्ति से मुलाकात हुई तो पता लगा कि जीवन की इन परेशानियों के पीछे क्रोध, नफरत और ईर्ष्या जैसे कारकों का बड़ा योगदान है.
क्रोध, नफरत और ईर्ष्या से तनाव होता है. तनाव की वजह से संकट और विपत्ति में वृद्धि होती है. मैंने अपनी जिंदगी और स्वभाव से क्रोध, नफरत और ईर्ष्या को समाप्त करने की ठान ली. थोड़ा वक्त लगा लेकिन अब ये सब मेरे स्वभाव से कोसों दूर हैं और इसके साथ ही मेरी परेशानियों का अंत हो गया है और इस तरह से मेरे जीवन में बहुत बड़ा बदलाव आ चुका है.
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