धर्म और विज्ञान दो अलग-अलग चीज़ें हैं | अगर विज्ञान की बात करें तो विज्ञान में किस भी सवाल का जवाब सिर्फ वैज्ञानिक होता है | हर सवाल के जवाब में प्रस्तावना से लेकर उपसंहार तक सिर्फ scientific answer ही होता है | दूसरी तरफ अगर धर्म की बात करें, तो धर्म में केवल हमारे भगवान, उनका पूजन, ज्योतिष, गृह नक्षत्र आदि के बारें में जानकारी होती है |
वैसे देखा जाएं तो धर्म और विज्ञान दोनों एक दूसरे के पूरक हैं, क्योकि विज्ञान में भी ग्रहों और नक्षत्रों का ज्ञान होता है, और हमारे धर्म में भी | धर्म और विज्ञान दोनों ही मानव जाति के लिए एक विशेष महत्व रखते हैं | दोनों का अपना ही एक स्तर है, जो बहुत ही मजबूत और उपयोगी हैं |
धर्म :-
धर्म में किसी भी बात को शुरू करने से लेकर ख़त्म करने तक सिर्फ ऐसे रीजन होते हैं, जो कि उनकी संस्कृति से या उनकी सभ्यता से जुड़े होते हैं | इसमें लोग अपने धर्म को अपने रीती-रिवाज को अपने पुरखों के समय से चले आ रहे नियमों के साथ मानते हैं |
विज्ञान :-
विज्ञान मनुष्य को इस बात का ज्ञान करवाता है कि किस बात का क्या तथ्य है | अगर साधारण भाषा में देखा जाए तो विज्ञान को आप एक सरल परिभाषा में समझा सकते हैं कि प्रकति में उपलब्ध सभी वस्तुओं का एक निश्चित और क्रमबध्द तरीके से अध्यन करना विज्ञान कहलाता है |
वैसे दोनों का काम मानव जीवन को सत्य का बोध कराना होता है | बस अंतर सिर्फ इतना है कि विज्ञान बाहरी दुनिया का सत्य बताता है और धर्म आंतरिक दुनिया का सत्य बताता है |