हर साल की तरह शिव भक्तों के लिए आ गया है सवान| वैसे तो सावन का महीना सभी लोगों के लिए के होता है लेकिन जो शिव के असीम भक्त हैं उनके लिए तो समझ लीजिये कि सावन का यह महीना बहुत ही खास होता है क्योंकि सावन के महीने में शिव की पूजा करने का अलग उत्साह होता है तो अधिकतर लोगों में दिखाई देता है| और जो लोग भगवान शिव के परम भक्त हैं उन्हें हम बता दें कि इस साल के सावन कुछ अलग ही अंदाज़ में आने वाला है| जी हाँ! हर साल सावन के 4 या 5 सोमवार होते हैं, लेकिन इस साल सावन के पूरे 8 सोमवार आने वालें हैं|
थोडा हैरानी तो हुई होगी आपको यह सुनकर कि 8 सोमवार| लेकिन यह बिलकुल सच है इस साल सावन के 4 नहीं, 5 नहीं बल्कि 8 सोमवार हैं| इस वर्ष 4 जुलाई से शुरू सावन के सोमवार 31 अगस्त तक चलेंगे| तो ये तो शिव भक्तों के लिए एक बड़ी खुशखबर लेकिन सोचने वाली बात तो ये है कि ऐसा आखिर हुआ क्या जो 8 सावन के सोमवार पड़े और 2 महीने का सावन| वैसे तो ये कलयुग है यहाँ कुछ भी मुमकिन है, लेकिन भगवान के नाम पर भी कलयुग की बात आ जाये ये थोड़ा अजीब है न|
लेकिन परेशान न हो, हम आपको बताएँगे कि इस साल सावन में 8 सोमवार क्यों आयें| वैसे तो 19 साल के बाद ऐसा संयोग देखने को मिल रहा है| वो भी इसलिए क्योंकि इस सावन में मलमास यानी कि अधिकमास है| और ऐसा कहा जाता है कि जिस साल मलमास होता है तो उस वर्ष में साल में 15 दिन अतिरिक्त हो जाते हैं| और इस साल यह सावन के महीने में पड़ रहा है जिसके कारण सावन में 8 सोमवार हैं|
मान्यताः है कि सावन का महीना भगवान शिव को समर्पित है और मलमास यानी कि अधिकमास भगवान विष्णु की इसलिए इस माह को पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है| तो ऐसा समझ लीजिये कि इस महीने आप सभी पर भगवान शिव और भगवान विष्णु दोनों की कृपा बरसने वाली है| इसलिए आप लोग इस महीने में आने वाले सावन का भक्ति भाव से स्वागत करें तो भगवान का पूजन और सत्कार करने के लिए तैयारियां कर लें|
चलिए आपको मलमास से जुड़ी एक रोचक जानकारी दें:
मलमास यानी कि अधिकमास को अच्छा समय नहीं माना जाता और न ही इस महीने कोई शुभ काम होता है| अधिकमास को शुभ नहीं माना जाता था इसलिए कोई भी देव इस मास का स्वामी नहीं बनना चाहता था| लेकिन जिस महीने भगवान कि कृपा न हो तो वो समय निकालन काफी मुश्किल होगा और यही सोच कर देवताओं ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की और उन्हें इस बात के लिए मना लिया कि वह अधिकमास का स्वामी बनकर इस समय में हो रही समस्याओं को दूर करें|
सबकी प्रार्थना सुनकर विष्णु जी ने इस महीने का खुद का स्वामी बनाया और अपने लिए उन्होंने एक नाम दिया और इसलिए इस मास को पुरुषोत्तम मास कहा जाने लगा| इस महीने में भागवत कथा पढ़ना-सुनना, मंत्र जप, पूजन, दान आदि करना अच्छा होता है| लेकिन इस बात का ध्यान दें कि अधिकमास में विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्यों के लिए कोई मुहूर्त नहीं होता| इसलिए इस सावन के महीने में भी किसी प्रकार का कोई शुभ काम वर्जित हो सकता है|
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