इंग्लैंड में जो प्राचीन पत्थरों की एक संरचना है जिसे स्टोनहेंज के नाम से जाना जाता है और आज भी इन पत्थरों के बारें में खोज बीन चल रही है कि आखिर इन्हें किसने और कैसे बनाया गया, क्योंकि यह एक रहस्य्मयी राज है | यहाँ तक कि ऐसा भी कहाँ जाता है कि इन्हें किसी एक समय में नहीं बल्कि 4500 से 3000 साल पहले इसे अलग - अलग हिस्सों और अलग अलग समय पर बनाया गया होगा |
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आज भी कई वैज्ञानिकों का यह भी मानना है की इस जगह का उपयोग वेधशाला (observatory ) के रूप में किया जाता होगा|
इंग्लैंड के विल्टशायर में स्थित स्टोनहेंज मूल रूप से मिट्टी को खोदकर खड़े किए गए पत्थरों से निर्मित एक घेरा है, और यह पत्थर इसलिए भी खास मानें जातें है क्योंकि इन्हें जोड़ने के लिए ऐसे जोड़ों का प्रयोग किया गया था जिनका प्रयोग सामान्यतः लकड़ी के काम में किया जाता है। ऐसा पांच हजार साल पहले होना किसी चौका देने वाली बात से कम नहीं था | उससे भी ख़ास बात यह थी कि इनके निर्माण में गणित और ज्यामिति (geometry) का इस्तेमाल किया गया होगा क्योंकि यह संरचना सूर्य के उदय होने और अस्त होने की प्रक्रिया के साथ सामंजस्य रखती है |
हाँ ये बात और है कि आज केवल यहाँ पर इनके कुछ अवशेष रह गए हैं, जिसे देखने के लिए दूर-दूर से सैलानी यहाँ पर आते हैं। ऐसा माना जाता है कि ‘स्टोनहेंज' इसके आसपास रहने वाली जनजातियों के नेता का नाम था और यहां कब्रिस्तान हुआ करता था। आपको जान कर हैरानी होगी कि स्टोनहेंज के पत्थर सारसेन्स और ब्लूस्टोन से मिलाकर बनाया गया था।
स्टोनहेंज का सच पता लगाने के लिए कुछ वैज्ञानिकों ने करीब चार साल तक तीन हज़ार एकड़ ज़मीन की गहराई तक खुदाई की जिसमें मानवों की कई हड्डियां मिली और इस बात का सबूत मिला के आस पास सच में कब्रिस्तान हुआ करता था | इतना ही नहीं बल्कि इस खुदाई में बर्तन, हथियार और कई ऐसे औज़ार मिलें जिससे यह बात साबित हो गयी थी कि यहाँ पर लम्बें समय तक कोई सभ्यता बसी हुई थी जिसने इन पत्थरों को जन्म दिया |
इस खुदाई में एक बात यह भी सामने आयी थी कि स्टोनहेंज से कुछ तीन से चार किलोमीटर की दूरी पर 90 बड़े बड़े पत्थर पाएं गए जो बिलकुल अंग्रेजी के अक्षर सी के आकर जैसे दिखाई पड़ते थे | जिसे सुपरहेज़ का नाम दिया गया |
इन पत्थरों को ले कर कई बार ऐसी बात भी सामने आयी कि इन्हें दैत्यों (Devil) ने स्थापित किया था जबकि कुछ दूसरे लोगों का मानना है कि मर्लिन नाम के एक जादूगर ने अपने जादू के द्वारा इसका निर्माण किया था | बल्कि इन पत्थरों को ले कर अलग अलग लोगों की अलग विचारधाराएं थी जैसे कुछ वैज्ञानिकों का यह भी मानना था की इन पत्थरों का सीधा एलियंस से वास्ता है और यह ऊपर से कुछ कुछ हमारे सोलर सिस्टम जैसा दिखाई पड़ता है |
अगर आप भी स्टोनहेंज के पत्थरों को देखने जा रहे है तो जान लें कि स्टोनहेंज के चारों तरफ अब बाड़ है। पहले इसके अंदर जाने की लोगों को इजाजत थी। पर बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटक इसे खराब करने लगे थे वे पत्थरों पर अपना नाम लिखने लगे थे इसलिए अब इसके अंदर जाना मना है।