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Astrologer,Shiv shakti Jyotish Kendra | पोस्ट किया
जैसा कि एकादशी हर महीने में दो बार आती है, जिसका विवरण पहले भी किया जा चूका है | फिर भी एक छोटे से रूप में आपको इसके बारें में बताते हैं, एकादशी हर महीने में 2 बार आती है | ज्योतिष शास्त्र के अनुसार महीने की 11 वीं तिथि एकादशी कहलाती है, और महीने में सिर्फ 15 तिथि होती है |
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विजया एकादशी की पूजा मे विशेष बातो का ध्यान रखना जरूर होता है -
•विजया एकादशी का व्रत रखते है तो पूजा करने के बाद चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
•विजया एकादशी के व्रत मे पूजा करते समय कलश चांदी, तांबे, सोने का होना चाहिए तभी कलश की स्थपाना करना शुभ माना जाता है।
•विजया एकादशी के व्रत की पूजा करने के बाद ध्यान रखे कि श्री हरि के नाम का भजन,कीर्तन जरूर करवाये तथा रात मे श्री हरी के नाम का जगराता भी करवाए।
•विजया एकादशी के व्रत की पूजा करने के बाद ब्रम्हाणो क़ो भोजन जरूर करवाए।
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आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि विजया एकादशी के दिन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
दोस्तों पुराणों में बताया गया है कि विजया एकादशी के दिन चावल का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। इस दिन यदि कोई व्यक्ति चावल का सेवन करता है तो इसे अशुभ माना जाता है।
यदि कोई व्यक्ति विजया एकादशी के दिन जुआ खेलता है तो इसे पाप माना जाता है ऐसी मान्यता है कि इस दिन जुआ खेलने से वंश का नाश होता है।
विजया एकादशी के दिन सुबह जल्दी सो कर उठना चाहिए और शाम के समय नहीं सोना चाहिए।
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