कौन हैं अरुण योगीराज ? - letsdiskuss
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Himani Saini

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कौन हैं अरुण योगीराज ?


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37 वर्षीय अरुण योगीराज कर्नाटक के मैसूर शहर के रहने वाले हैं। अरूण योगीराज का परिवार पांच पीढ़ियां मूर्ति तराशने का काम करता आ रहा है । भारत देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी अरूण योगीराज जी की प्रतिभा से काफी प्रभावित है।

अरुण के पिता योगीराज की गिनती भी उमदा मूर्तिकारों में की जाती है अरूण के दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण हासिल प्राप्त था। अरूण योगीराज ने साल 2008 में मैसूर विश्वविद्यालय से एमबीए की परीक्षा उत्तीर्ण की थी और थोड़े समय के लिए एक प्राइवेट कंपनी में काम भी किया था।

अरूण योगीराज की बनाई गई मूर्तियो में सुभाष चंद्र बोस जी की 30 फीट ऊंची प्रतिमा भी है जो इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर स्थापित की गई थी। केदारनाथ में आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति का निर्माण भी अरूण योगीराज ने द्वारा किया गया था। इसके अलावा मैसूर जिले में हनुमान जी की 21 फीट ऊंची प्रतिमा, मैसूर में स्वामी रामकृष्ण परमहंस जी की प्रतिमा आदि मूर्तियो भी अरूण योगीराज द्वारा ही बनाई गई है।

हाल में ही अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति राम मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित की जाएगी। इस मूर्ति की ऊँचाई 51 इंच है। इस मूर्ति में भगवान राम के एक हाथ में धनुष तथा दूसरे हाथ में बाण दिखाया गया है। मूर्ति की नक्काशी काफई खूबसूरत तरीके से की गई है। मूर्तियो की बारीक नक्काशी और खूबसूरती के कारण ही योगीराज को एक प्रतिभाशाली मूर्तिकार के रूप में देखा जाता है।

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कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगी राज द्वारा बनाई गई 'रामलला' की मूर्ति अयोध्या में राम मंदिर की शोभा बढ़ाएगी। अयोध्या में राम मंदिर में भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा का वक्त नजदीक आता जा रहा है। 22 जनवरी को 'रामलला' की मूर्ति को भव्य राम मंदिर में स्थापित की जाएगी। इसके लिए मूर्ति का भी चयन कर लिया गया है। भगवान श्रीराम की मूर्ति को कर्नाटक के मैसूर शहर के जाने-माने मूर्तिकार 37 वर्षीय अरुण योगीराज ने बनाई है। 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर के गर्भग्रह में रामलला मूर्ति स्थापित की जाएगी, जिसकी ऊंचाई 51 इंच लंबी हैं। अरुण जी राम लाल की मूर्ति बनाने से पहले भी कई बड़ी हस्तियों की मूर्ति में जान डाल चुके हैं।अरुण इस समय देश के सर्वाधिक व्यस्त मूर्तिकारों में शामिल है। अरुण योगीराज अपने परिवार की पांचवीं पीढ़ी से मूर्तिकार है। अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार है। उन्होंने भी गायत्री मंदिर और भुवनेश्वरी मंदिर के लिए काम किया। वही अरुण के दादाजी बसवन्ना शिल्पी को मैसूरु के राजा का संरक्षण मिला हुआ था। अरुण बचपन से ही नक्काशी के काम में जुड़ गए थे। अरुण जी एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद इन्होंने एक प्राइवेट कंपनी में भी काम किया, लेकिन फिर मूर्तिकार बनने के लिए 2008 में अरुण जी ने नौकरी छोड़ दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी अरुण योगीराज के द्वारा बनाई गई प्रतिभा की तारीफ कर चुके हैं। साथ ही केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से लेकर राज्य में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी अरुण योगीराज को बधाई दी हैं। इंडिया गेट पर लगी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति भी अरुण योगीराज ने ही तराशी है। मूर्तिकला की दुनिया में अरुण जी ने अन्य उल्लेखनीय योगदानों में केदारनाथ मंदिर में आदि शंकराचार्य की की 12 फीट ऊंची प्रतिमा से लेकर मैसुरू में 21 फीट ऊंची हनुमान जी के प्रतिभा का भी निर्माण किया है। साथ ही, मैसूरु में महाराजा जयचमाराजेंद्र वडेयार की 14.5 फुट की सफेद संगमरमर की प्रतिमा, महाराजा श्री कृष्ण वाडियार -IV और स्वामी रामकृष्ण परमहंस की भी मूर्ति बनाई है। अरुण योगीराज के इस मूर्तिकला को देखकर देश के कई बड़ी तमाम हस्तियों ने प्रशंसा

की है।

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