वैसे तो यह तुलना सर्वथा अनुचित है पर फिर भी जब तुलना हो ही रही है तो जाहिर सी बात है की एक आईएएस अधिकारी मुकेश अंबानी की तुलना में अधिक शक्तिशाली होता है। वो न सिर्फ राज्यका प्रतिनिधि है पर सरकार का भी प्रतिनिधि है और भले ही मुकेश अंबानी काफी पैसे वाले है और एक कंपनी के समूह का प्रतिनिधित्व करते है पर कानून की नजर में वो भी एक आम आदमी ही है। वैसे अन्य नजरिये से देखा जाए तो यह महाशय काफी सारे जना प्रतिनिधि के ऊपर अपना आधिपत्य रख सकते है पर कानून ऐसा नहीं कर सकते।
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