माँ एक ऐसा शब्द है जिसके बारें में चंद शब्दों में व्यक्त करना बहुत कठिन होता है, ख़ास तौर पर इस बात की व्याख्या करना कि किसी भी इंसान के जीवन में की क्यों किसी भी इंसान के जीवन में माँ की जगह कोई और नहीं ले सकता है |
दुनिया में किसी भी बच्चे के जन्म पर वह केवल बच्चे का जन्म नहीं होता बल्कि वह उस माँ का भी वह नया जन्म होता है | जब एक माँ एक बच्चे को जन्म देती है तब उसे 206 हड्डियां टूटने बराबर दर्द होता है जबकि मानव शरीर में केवल 206 हड्डियां ही होती है |
माँ इस धरती की एक ऐसी आर्टिस्ट होती है, जो इस दुनिया में एक जीवित जान को जन्म तो दे देती है पर कभी उस बच्चे के नाम के आगे माँ का नाम नहीं होता, बच्चे के नाम के आगे पिता का नाम होता है, जबकि इस धरती में एक चित्रकार भी अपनी निर्जीव चित्रकारी के नीचे अपना नाम दे देता है |
यही कारण है कि यह कह पाना की क्या यह संभावव है की माँ की जगह जीवन में कोई और ले सकता है तो मेरे हिसाब से इसका उत्तर है इस पूरे पृथ्वी पर कोई ऐसा इंसान या रिस्ता नहीं जो माँ की जगह ले पाए |
(courtesy-hindijaankaari)