पीएम मोदी ने कोरोना वायरस से पैदा हुए देश की खराब आर्थिक स्थिति से निपटने के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज का एलान करते हैं पीएम मोदी कहते हैं कि यह पैकेज उन सभी वर्गों के लिए है जिन्हें इस वक्त सबसे ज्यादा जरूरत है.
जैसा कि हम सभी जानते हैं पीएम मोदी अच्छा भाषण देने के लिए जाने जाते हैं क्योंकि मोदी जी भाषण देकर लोगों का पेट भरने में ज्यादा माहिर है.
मगर वह किसी भी तरह से प्रवासी मजदूरों के सामने पैदा हो रही दिक्कतों को दूर करने के लिए अपने मीठे भाषणो में जगह नहीं देते हैं जिस वजह से जावेद अख्तर उनकी नासमझी को दिखाते हुए ट्वीट करते हैं.
जावेद अख्तर ट्वीट पर लिखते हैं "20 लाख करोड़ का पैकेज निश्चित रूप से राष्ट्र के लिए एक नैतिक वरदान है, लेकिन 33 मिनट के भाषण में लाखों प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा गया, जिन्हें अपने अपने अस्तित्व के लिए तत्काल मदद की जरूरत है. यह सही नहीं.' इस ट्वीट के बाद भक्तो दारा जावेद अख्तर को ट्रोल करना शुरू कर देते हैं.
एक बात समझ से बाहर है कि जावेद अख्तर ने उन प्रवासी मजदूरों की आवाज उठाई जो लोग पैदल ही कई हजार किलोमीटर दूर अपने घर को इतनी तपती धूप में जा रहे हैं जो कि यह आवाज उठाना बिल्कुल ही उचित है मगर वह लोग कौन है जो जावेद अख्तर को ट्रोल कर रहे हैं वह वही लोग हो सकते हैं जो अपने अंधभक्ति द्वारा देश को दबाने का प्रयास कर रहे हैं अभी भी नहीं समझ रहे हैं जो पैदल जा रहे हैं और रास्ते ने जाते-जाते कई लोग तो मर ही जा रहे हैं एक्सीडेंट होने की वजह से रोज कई मौतें हो रहे हैं कोई लोग पटरी पर चलते हुए ट्रेन के नीचे आ जा रहे हैं ऐसे प्रवासी लोगों की आवाज उठाना जावेद अख्तर को भारी पड़ जाता है तो क्या मजदूरी के बारे में बोलना और उनकी परेशानी को उठाना जावेद अख्तर ने गलत किया है बिल्कुल भी नहीं. ऐसी परेशानियों को उठाने वाला पेट्रोल हो जाए तो आप सो सकते हैं इस वक्त देश की स्थिति कितनी बुरी है अंधभक्ति ने लोगों को बुरी तरह से अपनी चपेट में ले लिया है.
