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भारत मे युद्ध के समय नौसेना के जवानों का अंतिम संस्कार करने के लिए पहली ऐसी सुविधाएं नहीं थी! कि हमारे देश के शहीद जवानों को वापस लाया जा सके और ना ही जहाज में उनका अंतिम संस्कार किया जा सकता था ! इसीलिए शहीदों को समुद्र में ही डाल दिया जाता था! ज्यादातर सभी देश की नौसेना युद्ध के समय यही करती थी! चांद और पूर्व नौसैनिक पहुंचने वाले व्यक्ति नील आर्मस्ट्रांग को भी नेवी के द्वारा उन्हें समुद्र में विसर्जित किया गया था ! लेकिन अब नौसेना के जवानों को अंतिम संस्कार करने के लिए सुविधाएं दी गई है!
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हमारे भारत में जब युद्ध करते समय जवानों की मृत्यु हो जाती थी तो उनको घर ले जाने की इतनी सुविधा नहीं थी की घर ले जाकर उनका अंतिम संस्कार किया जाए तो उनका अंतिम संस्कार समुद्र में विसर्जित कर दिया जाता था। ज्यादातर सभी देशों में नौजवानों की मृत्यु हो जाने पर समुद्र में ही संस्कार कर दिया जाता था। यहां तक की पूर्व नौसैनिक और चांद पर पहले पहुंचने वाले नील आर्मस्ट्रांग को भी नेवी ने समुद्र में विसर्जित किया था। लेकिन अब ऐसा नहीं है अब हमारे भारत में इतनी सुविधाएं हो चुकी है कि जवानों की मृत्यु हो जाने पर उनके अंतिम संस्कार करने के लिए व्यवस्था उपलब्ध हो गई है
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