अक्सर इस बात को लेकर ये चर्चा की जाती है कि बॉलीवुड से ज्यादा हॉलीवुड प्रसिद्ध क्यों है या फिर ये ख्याल भी मन में आता है कि हॉलीवुड का दर्जा बॉलीवुड से ज्यादा क्यों है? इस बात को समझने के लिए हमें कई जरूरी चीजों पर गौर करना होगा | सबसे पहले तो ये बात आती है कि बॉलीवुड में जो फिल्में बनती है वो ज्यादातर प्रेम कहानी और फिर फैमिली ड्रामा पर बनती हैं | कई साल से बॉलीवुड के कंटेंट को अगर आप देखें तो ये दो चीजें निरंतर चली आ रही हैं | अब ऐसे में हमें बॉलीवुड में नए गाने और नए एक्टर्स तो देखने मिलते हैं लेकिन इसके कंटेंट में नयापन आना अभी बाकी है | अक्सर दर्शक ये कहती हैं कि बॉलीवुड लव स्टोरीज से क्यों नहीं उभरता? यहां अब दर्शक नए एक्टर्स के कारण किसी फिल्म को देखने में रूचि दिखाते हैं | या फिर पसंदीदा स्टार कास्ट के चलते फिल्मों पर गौर किया जाता है |
लेकिन हॉलीवुड में ऐसा नहीं होता है | हॉलीवुड में फिल्में अपने कंटेंट के दम पर आगे बढ़ती हैं | यहां लव स्टोरी और ड्रामा के साथ ही कई ऐसी फिल्में बनती हैं जो दर्शकों की कल्पना से भी परे होती हैं | लोगों को हॉलीवुड फिल्मों में नयापन भरपूर मिलता है | साथ ही हॉलीवुड फिल्म के मेकर्स नई तकनीक और बेहतर से बेहतर सिनेमेटोग्राफी का इस्तमाल करते हैं जो इसे खास बनाती है |
हॉलीवुड फिल्मों का इन्वेस्टमेंट भारतीय फिल्मों से भी गुना ज्यादा होता है | यहां फिल्में स्टार कास्ट की बदौलत नहीं बल्कि कंटेंट की बदौलत चलती हैं और इसी वजह से देश ही नहीं दुनियाभर में उनकी फिल्मों को पसंद किया जाता है | हालांकि बॉलीवुड में अब बेहतर तकनीक का इस्तमाल किया जा रहा है जैसे हमने ‘बाहुबली’ और रजनीकांत की ‘रोबोट’ फिल्म में देखा | लेकिन हॉलीवुड के स्टैण्डर्ड को मैच करने में अभी बॉलीवुड को और मेहनत करने की जरूरत है |
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