कुछ समय उन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया था क्योंकि उन्होंने अपने टीचर के साथ भारत विरोधी बातें बोलने के लिए हिंसा की थी| आज़ादी पाने के जुनूनी नेताजी बोस ने एक समय पर सरकारी नौकरी को छोड़कर कांग्रेस से जुड़ गए थे। इस बात से यह सिद्ध था की वह आज़ादी से ज्यादा कुछ नही सोचते थे|करीब-करीब 11 बार कारावास की सजा पाने के बाद भी नेताजी के कदम लड़खड़ाए नहीं और देश की आज़ादी का हिस्सा बने।आज़ादी की लड़ाई में साल 1943 में जापान जाने के बाद बोस ने आईएनए (इंडियन नेशनल आर्मी) की स्थापना की जिसके बाद सेना आज़ाद हिंद फौज के नाम से भी प्रसिद्ध हुई और यहीं बोस को ‘नेताजी’ की उपाधि भी मिली थी | मगर 1944 में आज़ाद हिंद फौज और ब्रिटिश फौज के बीच मणिपुर में जंग हुई,,धीरे-धीरे सुभाष चंद्र बोस ब्रिटिश सरकार के लिए खतरा बनने लगे थे|23 जनवरी 1897 को उनका जन्मदिन उनके जयंती के तौर पर बनाया जाता है यही वजह है सब उन्हें इस दिन याद करते है और श्रद्धापूर्वक नमन करते है।
Loading image...