हिन्दू धर्म में शमशान घाट पर महिलाओं का जाना वर्जित है | आपको बता दें कि हिंदू धर्म में कुल 16 संस्कार होते हैं, जिसमें से किसी इंसान की मृत्यु उसका अंतिम संस्कार होता है | जब इंसान की मृत्यु होती है तो उसका अंतिम संस्कार किया जाता है जिसके अनुसार उसको अग्नि में समर्पित कर दिया जाता है |
हिन्दू धर्म के अनुसार अंतिम संस्कार में परिवार के पुरुष शामिल होते हैं, लेकिन महिलाएं नहीं जाती | इसका कुछ ख़ास कारण है | आइये जानते हैं महिलाएं शमशान घाट क्यों नहीं जाती |
- धार्मिक मान्यता के अनुसार शमशान घाट में हमेशा ही नकारात्मक ऊर्जा घूमती रहती है | महिलाओं के अंदर नकारात्मक ऊर्जा आसानी से उनके शरीर में प्रवेश कर सकती है, क्योंकि महिआएं कोमल ह्रदय की मानी जाती हैं | नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश महिलाओं को बीमार बना देता है |
- अक्सर महिलाओं का मन कमजोर होता है , जिससे वो बहुत विलाप करती हैं | अधिक विलाप मर्त व्यक्ति की आत्मा को बहुत दुखी करता है | यह भी महिलाओं का शमशान न जाने का एक कारण है |
- हिन्दू धर्म की धार्मिक मान्यता के अनुसार परिवार का कोई भी सदस्य शमशान घाट जाता है तो उसको अपने बाल कटवाने पड़ते हैं, और हिन्दुओं में महिलाओं का मुंडन अशुभ माना जाता है |
- शमशान घाट में कई आत्मा घूमती रहती हैं, जो की कमजोर ह्रदय वाले लोगों की तलाश में रहती हैं | क्योंकि आत्मा सकारात्मक भी होती हैं और नकारात्मक भी होती है | जो सकारात्मक होती है वो कभी किसी को परेशान नहीं करती परन्तु नकारात्मक आत्मा अक्सर औरों को तकलीफ देती है | ऐसा महिलाओं के साथ अक्सर होता है कि नकारात्मक आत्मा उनके साथ चली आती है |
ऐसे ही कुछ कारण हैं जिसके चलते महिलाओं का शमशान पर जाना वर्जित होता है |
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